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शोभना सम्मान-2012

Saturday, May 5, 2012

संस्कृति (लघु कथा)


     अपने पिता जी के साथ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर वेटिंग रूम में होम टाऊन जाने के लिए ट्रेन की प्रतीक्षा कर रही थी. पिता जी ट्रेन के आने के निश्चित समय का पता लगाने के लिए इंक्वारी रूम की ओर चले गए. अकेलेपन को दूर करने के लिए सामने बैठी महिला से बतियाने का मन किया, जो देखने में काफी सभ्य सी लग रही थी व दो छोटी लड़कियों, जिनकी उम्र लगभग 10-11 वर्ष के लगभग थी, के साथ बैठी हुई थी.
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