लेखक की नई पुस्तक प्रकाशित हुई. कुछ ऐसे घटनाक्रम हुए, कि लेखक व प्रकाशक में युद्ध आरंभ हो गया. कई दिनों तक आरोप–प्रत्यारोप का दौर चला. इस घटनाक्रम से लेखन संसार बहुत दुखी हो गया. लेखन जगत ने लेखक व प्रकाशक से इस विवाद को मिल-बैठकर आपस में ही सुलझा लेने का आग्रह किया. आखिरकार लेखक व प्रकाशक एक निश्चित स्थान पर आकर मिले और मिलते ही एक-दूसरे के गले मिलकर रोते हुए बोले, “इतना विवाद हुआ फिर भी पुस्तक हिट न हो पाई”.
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