लेखिका: मीना धर, कानपुर, उ.प्र. |
कितनी खुश थी उस दिन दिया जब वो कोलेज की सबसे सुन्दर लड़की चुनी गई थी | तभी महेश से उसकी दोस्ती हुई | सब कुछ अच्छा चल रहा था बी.एस.सी. फाइनल में जब उसकी शादी तय हुई तब उसने यह खुशखबरी महेश को जाकर सुनाई| वह इस खबर को सुनकर आगबबूला हो गया, “ये कैसे हो सकता है, प्यार मुझसे और शादी किसी और से ?” ये सुन कर दिया आवाक रह गई | दिया ने उसे बहुत समझाया कि वो दोनों अच्छे दोस्त के सिवा कुछ भी नहीं पर महेश अपनी जिद पर अड़ा रहा | उसने दिया को धमकी दी कि वह उसकी शादी किसी और से नही होने देगा | दिया ने उसकी बातों को कोई महत्व नही दिया और उससे मिलना-जुलना, बात करना सब बंद कर दिया | ठीक सगाई से एक दिन पहले जब वह पार्लर जा रही थी, उसके सामने से एक बाइक निकली और दिया के मुंह से हृदयविदारक चीख निकल गई थी |