माना पैसा खुदा नहीं
पर खुदा का है ये भैया
बोलो रे बोलो मिलके बोलो
जय जय जय रुपैया...
जब चाहे आजमा कर देखो
ताकत तुम पैसे की
ऐसे वैसे कैसे भी जियो
फिर जी चाहे जैसे भी
यहाँ – वहाँ चाहे जाओ जहाँ
जब पाँव में लग जाये पहिया
जय जय जय रुपैया...
वे जीने का लुफ्त उठाते
जिनकी जेबें भारी
आज अभी से कर प्यारे
कुछ कमाने की तैयारी
कमा-कमा तू खूब कमा
सहज पार लगेगी नैया
जय जय जय रुपैया...
बड़े-बड़े बाज़ार सजे
जी चाहे जो भी ले लो
ये दुनिया मैदान खेल का
तुम जैसे चाहे खेलो
प्यार, यार, संसार मिलेगा
मन नाचेगा ता था थैया
जय जय जय रुपैया...
मेहनत में विश्वास रखो
भाग्य भरोसे मत बैठो
बहुत है कुछ तुम्हारे हाथों में
किस्मत का कान पकड़कर ऐंठो
तुम्हें सारा जग सलाम करेगा
पैसे में दम है भैया
जय जय जय रुपैया...
गीतकार- श्री सुरेन्द्र 'साधक'
संपर्क- करावल नगर, दिल्ली.
दूरभाष- 09910328586
*चित्र गूगल से साभार*
बहुत बढ़िया रचना |
ReplyDeleteஜ●▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬●ஜ
ब्लॉग जगत में नया "दीप"
ஜ●▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬●ஜ
बढ़िया रचना
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