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Monday, November 19, 2012

मूल मन्त्र


सबसे प्यारे प्यार किये जा
प्यार बाँटकर यार जिए जा

हार मिली है तुझको जिनसे 
उनको कुछ उपहार दिए जा 

दुःख देते जो तुझको हर दिन 
सुख उनको हर बार दिए जा 

बीती बातें छोड़ के प्यारे 
कल पर कुछ विचार किये जा 

क्या होना है कल क्या जाने 
खुद को तू तैयार किये जा 

ना करना चाहे तू कुछ भी 
करने का इकरार किये जा 

करनी का फल पाना होगा 
लाख भले इनकार किये जा 

रचनाकार- श्री वीरेश अरोड़ा "वीर"


निवास- अजमेर, राजस्थान (भारत)

चित्र गूगल से साभार 




1 comment:

  1. SR BhartiNovember 22, 2012 5:12 PM

    Karni ka fal pana hoga
    Lakh bhale inkar kiye ja.

    shaswat satya

    ReplyDelete
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निवेदक-
सुमित प्रताप सिंह,
संपादक- सादर ब्लॉगस्ते!