नई दिल्लीः लाल कला,सांस्कृतिक एवं सामाजिक चेतना मंच (रजि.) तथा हिन्दी अकादमी दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विश्व में बिगडते हुए पर्यावरण के संरक्षण में युवाओं की भूमिका पर एक परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन लाल किरण बिल्डिंग्स, मीठापुर में किया गया। जिसका संचालन किया दिल्ली व दामिनी गान के लेखक व गीतकार सुमित प्रताप सिंह ने. वक्ता के रुप में डा. अख्तर अंसारी, बल्लभगढ कालेज के पूर्व प्रो.(आचार्य) हवलदार सिंह शास्त्री तथा रतन सिंह शेखावत उपस्थित थे। इन्होंने पर्यावरण संरक्षण पर युवाओं की भूमिका पर कहा, कि आज के नई पीढी ही इसमें अहम भूमिका निभा सकती है, क्योंकि वर्तमान पीढी इस पर उदासीन होते जा रही है। इस अवसर पर भारतीय संस्कृति के प्रतीक तुलसी के पौधों को लाल कला मंच द्वारा सभी अतिथियों को वितरित किया गया।
इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी में कवियों द्वारा अपनी रचनाओं के माध्यम से पर्यावरण पर चिंता व्यक्त की गई. इस काव्य गोष्ठी में भाग लेने वाले कवि थे- लाल बिहारी लाल, शिव प्रभाकर ओझा ,श्री महेन्द्र गुप्ता प्रीतम ,आकाश पागल,सुरेश मिश्रा व इसरार अहमद 'अज़ीम'. जहाँ सभी कवियों की रचनाओं को वाह-वाही मिली, वहीं इस कार्यक्रम के संचालक सुमित प्रताप सिंह के गीतों को वहाँ उपस्थित जनसमूह ने विशेष रूप सराहा। इसके अलाव अर्श अमृतसरी के गजल संग्रह "जिन्दगी एक गजल है" का लोकार्पण भी किया अतिथियों द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की कामरेड जगदीश चंद्र शर्मा ने व विशेष अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार अग्रवाल 'रत्नेश' मौजूद थे। इस कार्यक्रम का संयोजन लाल बिहारी लाल ने किया। इस अवसर पर हिन्दी अकादमी, दिल्ली से प्रतिनिधि के रुप में जगदीश चंद्र उपस्थित थे। अंत में संस्था की अध्यक्षा सोनू गुप्ता ने लाल कला मंच की ओर सभी आगंतुकों को धन्यवाद ज्ञापन दिया।
रिपोर्ट: संगीता सिंह तोमर