दरवाज़ों पर होती हैं दस्तकें बहुत
                                            
                                            
                                              पर दिल मे वो ताबीर नहीं होती,
                                            
                                            
                                              लरज़ते हैं लब चूड़ियों की खनक के साथ
                                            
                                            
                                              पर बज़्मे-याराँ मे वो ख़लिश नहीं होती |
                                            
                                            
                                              रोज़ने-दीवार से आती है शुआए-मेहर
                                            
                                            
                                              पर उनके आने की ख़बर नहीं होती,
                                            
                                            
                                              चांदनी रात आ-आ के गुजरती है रोज़
                                            
                                            
                                              पर साए से उनके आँखें चार नहीं होती |
                                            
                                            
                                              खिले हैं कँवल, इधर-उधर , यहाँ-वहाँ
                                            
                                            
                                              पर लुत्फे-निगाहें-नाज़ नहीं होती
                                            
                                            
                                              आते हैं भँवरें गुलों की बज़्मे-जहाँ मे
                                            
                                            
                                              पर उनके रुखसारों सी आग नहीं होती |  
                                            
                                            
                                              रविश 'रवि'
                                            
                                             
                                            
                                              फरीदाबाद 
                                            
                                          

