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शोभना सम्मान - २०१३ समारोह

Tuesday, April 28, 2015

प्रेमिका (लप्रेक)


 सेना की पूरी टुकड़ी में सिर्फ तीन जवान बाकी बचे थे। सामने दुश्मन की सेना की टुकड़ी मोर्चा लिए हुए थी। तीनों जवान हिम्मती इतने थे कि उनके माथे शिकन तक नहीं थी। उनमें से ही एक जवान विपिन ने हँसी-मजाक शुरू कर दिया, "यार सुजॉय हम तो आज गए समझो। मुझे तो इस बात की चिन्ता है कि हमारे बाद हमारी गर्लफ्रेंड्स का क्या होगा?"
"यार मैंने तो अपनी वाली से ऑलरेडी कह रखा है कि मुझे कुछ हो जाए तो अपने पड़ोस के चशमिश का प्रपोजल एक्सेप्ट कर लेना"। सुजॉय हँसते हुए बोला। 
सचिन ने तीसरे जवान रमेश से पूछा, "ओये तू अपनी गर्लफ्रेंड मतलब कि प्रेमिका से क्या बोल के आया था?"
"अबे यार इस खड़ूस गँवार से भला कौन लव करेगा?" सुजॉय ने मजाक उड़ाते हुए कहा।
"मेरी केवल एक ही प्रेमिका है और वो है भारत माता और उसके प्यार की खातिर मैं कुछ भी कर सकता हूँ"। इतना कहकर रमेश फुर्ती से पहाड़ी की ओट से निकला और दुश्मन सेना की टुकड़ी पर टूट पड़ा और अपनी प्रेमिका की रक्षा करते हुए शहीद हो गया।

चित्र गूगल से साभार