Friday, February 22, 2013

शोभना ब्लॉग रत्न प्रविष्टि संख्या - 8

आम आदमी की व्यथा

कभी राशन की लाइन में ,कभी सब्जी की दुकान में,
रोज ही मरता हूँ मैं, मुझको ना दफ़नाओ यार!

सरकार कहती है ३६ रुपये काफ़ी हैं जीने के लिए,
दो वक्त की रोटी कैसे आए, यह इनको समझाओ यार!

एक दिन ऑफीस चलाने का इनका खर्चा जरा पूछो,
कैसे भरता है बच्चों का पेट, इनको भी बताओ यार!

घर का खाना जुटा ना पाउँ, तो मैं क्यों चड़ू फाँसी पर,
इन सबको लटकाओ यार, अब मंहगाई दूर हटाओ यार! 

सड़कें बेची, खेलें बेची, प्याज बेचा,बेचा सारा देश,
फिर से अपने देश को, घर के गद्दारों से बचाओ यार!

सोने के भंडार मिलें, पर ग़रीब और भी ग़रीब हो गया,
अमीर का धन कैसे बढ़ता जाए, यह मुझको समझाओ यार!

अपने देश का पैसा, सोना वापिस देश में लाओ यार,
फिर से मेरे प्यारे देश को, 'सोने की चिड़िया' बनाओ यार!!

 रचनाकार: श्रीमती सरिता भाटिया


उत्तम नगर, दिल्ली 

16 comments:

  1. डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)February 22, 2013 at 11:58 AM

    रचना तो बहुत सुन्दर और सामयिक है!
    --
    मतले का शेर भी होता तो ग़ज़ल कही जा सकती थी!

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  2. Gautam LodhaFebruary 22, 2013 at 12:07 PM

    all the best Saritaji apki rachna ko no 1 milega humhe vishwash hai aur bhagwan ko bhi prathna karte hai jaroor ap kamiyabi hasal karege god bless u
    Chat Conversation End
    Seen 12:03 PM

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  3. Ramesh DevasiFebruary 22, 2013 at 12:50 PM

    Are vah kaya bat

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  4. तुषार राज रस्तोगीFebruary 22, 2013 at 2:15 PM

    सुंदर रचना | बधाई |

    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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  5. धीरेन्द्र सिंह भदौरियाFebruary 22, 2013 at 2:34 PM

    बहुत खूब लाजबाब रचना,,,,,बधाई सम्मान पाने के लिए

    Recent post: गरीबी रेखा की खोज

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  6. Kuldeep SingFebruary 22, 2013 at 3:35 PM

    सत्य कहा है, सत्य लिखा है... शायद आम आदमी की ये व्यथा सदा व्यथा ही रहेगी।
    शुभकामनाएं।

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  7. Asha SaxenaFebruary 22, 2013 at 4:19 PM

    सुन्दर शब्दों से सजी बढ़िया रचना |बधाई सम्मान के लिए |
    आशा

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  8. डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)February 22, 2013 at 6:05 PM

    श्रीमती वन्दना गुप्ता जी आज कुछ व्यस्त है। इसलिए आज मेरी पसंद के लिंकों में आपका लिंक भी चर्चा मंच पर सम्मिलित किया जा रहा है।
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (23-02-2013) के चर्चा मंच-1164 (आम आदमी कि व्यथा) पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

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  9. Parveen KathuriaFebruary 22, 2013 at 9:16 PM

    congratulations...........

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  10. Parveen KathuriaFebruary 22, 2013 at 9:18 PM

    behtreen pryaas hai aapka....lekhkon ko utsahit karne ka.

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  11. Aziz JaunpuriFebruary 23, 2013 at 6:43 AM

    Sarita ji,bahut khoob, khoobshoorat ahsas

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  12. ranjana bhatiaFebruary 23, 2013 at 3:15 PM

    waah sarita bahut hi sundar ...

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  13. कविता रावतFebruary 23, 2013 at 4:30 PM

    बड़ी व्यथा है अब कौन समझाए उनको जिन्हें आम जनता अपने सर माथे उठाये रखती हैं ..जमीन पर हो तो उनसे बात भी संभव हो ..बहुत उम्दा रचना

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  14. सरिता भाटियाFebruary 23, 2013 at 7:23 PM

    गुरु जी एवं सभी मित्रों का हार्दिक अभिनन्दन अपना बहुमूल्य समय देने के लिए

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  15. Alka GuptaFebruary 23, 2013 at 7:29 PM

    बहुत सुन्दर

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  16. Deepti SharmaFebruary 24, 2013 at 2:42 PM

    waah bahut sunder rachna

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