वीरांगना महारानी
पति की प्रिया
माँ ममतामयी
कैकेयी .
आदर्शों के युग में
अपनी संतान का हित
त्याग न सकी
दिलाया राम वनवास
राज अपने पुत्र को ...
रघुकुल की रीत
अमर कर गई .
बस इसी बात का
दण्ड भोगती आ रही
युगों से
विमाता नाम से
किसी ने नाम न दिया
किसी बेटी को
अभी तक ...
न लेती ऐसा वचन
राम बनते क्या
मर्यादा पुरुषोत्तम ?
कर पाते कैसे
पिता आज्ञा पालन
भाइयों का स्नेह
वानर मित्रता
सीता हरण
रावन संहार .
रामराज्य स्थापना ?
राम ने माँ का सम्मान किया
कभी दोष न दिया .
कैकेयी राम को
चाहती थी तभी तो
स्वयं बुरी बनकर
राम को बना गई
भरत -लखन- शत्रुघ्न
के प्रियवर भ्राता को
मर्यादा पुरुषोत्तम राम ..
जग में पूज्य श्री राम .
चित्र गूगल से साभार