(यह बाल गीत हमारे प्रिय मित्र योगी ठाकुर को आज उनके जन्मदिन के अवसर पर सप्रेम समर्पित है.)
सेहत है प्यारे बच्चो
सबसे बड़ा धन
स्वस्थ तन ही में
होता स्वस्थ मन
जल्दी सोओ
जल्दी जागो
आलस्य को तुम
बिलकुल त्यागो
रोनी सूरत छोड़के
रहो सदा प्रसन्न
सेहत है...
सेहत का अपनी तुम
धरो हमेशा ध्यान
सुबह-सवेरे या संध्या को
करो नित्य तुम व्यायाम
कसरत से बनता है
लोहे जैसा तन
सेहत है...
बाहर का उल्टा-सीधा
कभी भी कुछ खाना नहीं
इन्हें देख प्यारे बच्चो
कभी भी ललचाना नहीं
'सुमित' निरोगी रहता वो
जो करे स्वच्छ भोजन
सेहत है...
सुमित प्रताप सिंह
इटावा, नई दिल्ली, भारत