जब 56 इंची सीनों ने
गोलियाँ रायफलों से दागीं
दहशतगर्दों के अब्बू भागे
और अम्मी खौफ से काँपीं
ये तो सिर्फ नमूना था
अभी असल तो है बाकी...
दहशतगर्दों के अब्बू भागे
और अम्मी खौफ से काँपीं
ये तो सिर्फ नमूना था
अभी असल तो है बाकी...
धोखेबाजी और कायरता
जिन दुष्टों के गहने थे
गीदड़ बनकर ढेर हुए
जो खाल शेर की पहने थे
हमपे गुर्रानेवालों की रूहें
हूरों से जा मिलने भागीं
ये तो सिर्फ नमूना था
अभी असल तो है बाकी...
जिन दुष्टों के गहने थे
गीदड़ बनकर ढेर हुए
जो खाल शेर की पहने थे
हमपे गुर्रानेवालों की रूहें
हूरों से जा मिलने भागीं
ये तो सिर्फ नमूना था
अभी असल तो है बाकी...
नापाक पडोसी देता धमकी
हमपे एटम बम बरसाने की
जबकि औकात नहीं है उसकी
खुद के बल दो रोटी खाने की
अब जान बचाने की चिंता में
डूबा होगा वो दुश्मन पापी
ये तो सिर्फ नमूना था
अभी असल तो है बाकी...
हमपे एटम बम बरसाने की
जबकि औकात नहीं है उसकी
खुद के बल दो रोटी खाने की
अब जान बचाने की चिंता में
डूबा होगा वो दुश्मन पापी
ये तो सिर्फ नमूना था
अभी असल तो है बाकी...
दुनियावालो तुम ही समझा दो
अब भी वो होश में आ जाए
चरण वंदना कर भारत की
माफ़ी की भीख को ले जाए
वरना क्षणों में मिट जाएगा
दुनिया से मुल्क वो पापी
ये तो सिर्फ नमूना था
अभी असल तो है बाकी...
अब भी वो होश में आ जाए
चरण वंदना कर भारत की
माफ़ी की भीख को ले जाए
वरना क्षणों में मिट जाएगा
दुनिया से मुल्क वो पापी
ये तो सिर्फ नमूना था
अभी असल तो है बाकी...
लेखक : सुमित प्रताप सिंह