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- शोभना काव्य सृजन पुरस्कार – 2012
Sunday, December 2, 2012
शोभना काव्य सृजन पुरस्कार प्रविष्टि संख्या - 4
कविता: कोख से बेटी की पुकार
मम्मा!
मुझे भी,
भैया की तरह,
इस चमकती दमकती दुनिया मे आने तो दो......
मम्मा!
तुम स्वंय बेटी हो
हम जैसी हो
तो क्यों न
बेटी की माँ बन कर देखो.....
मम्मा!!
माना की तुम्हे मामा के तरह
मिला नहीं प्यार
माना की जिंदगी के हर मोड पे
तुमने बेटी होने का सहा
दर्द बारम्बार.........
मम्मा!!
पर कैसे एक जीवन दायिनी
बन सकती है जीवन हरिणी
कैसे तुम मुझे
नहीं अपना सकती
अपनी भगिनी..........
मम्मा!
तुम दुर्गा हो, लक्ष्मी हो
हो तुम सरस्वती का रूप
तो फिर इस अबला के भ्रूण को
लेने तो दो न
जीवन का स्वरुप .......
मम्मा!
तेरी कोख से
तेरी बेटी कर रही पुकार
जरुर मुझे अपनाना
पालन पोषण करना
फिर तेरी ये नेह
फैलाएगी दुनिया मैं प्यार.......
सिर्फ़ प्यार.....
रचनाकार - श्री मुकेश कुमार सिन्हा
संपर्क - +91-9971379996
Posted by
संगीता तोमर Sangeeta Tomar at
12:12 PM
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बहुत सुन्दर रचना....
ReplyDeleteबधाई मुकेश जी...
आभार!!
अनु
congrats Mukesh jee
ReplyDeletesundar... touched the heart..
ReplyDeletethanx Anulata jee, Neelima, Shekhar...:)
ReplyDeleteआपकी रचना यहाँ पाकर बहुत ख़ुशी हुई !!
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई भाई !!
सही बातें कह रही है वह अपनी मम्मा से...
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना !!
बहुत मर्मस्पर्शी रचना...
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