शोभना फेसबुक रत्न सम्मान प्रविष्टि संख्या - 18
नैनो टेक्नोलॉजी - विश्व भाग्य विधाता
नैनो टेक्नोलॉजी विश्व की एक ऐसी अद्भुत और शक्तिशाली तकनीकि है, जो विज्ञान के समस्त रूपों को परिभाषित करती है। यह तकनीकि आगामी दिनों में विकास की एक नई परिभाषा लिखेगी, जिसके बिना आम आदमी के जीवन का विकास क्रम अधूरा होगा। साधारण से शब्दों में परिभाषित किया जाये, तो ऐसी तकनीक जो वर्तमान समय की भारी भरकम तकनीक से आगे बढ़कर हल्के रूप में विज्ञान के हर अविष्कार को नियंत्रित करती हो। जैसे कि मोटर्स, रोबोट, कंप्यूटर इत्यादि हल्के और शक्तिशाली आकार की मशीनें, जिनको आजकल लोग काफी पसंद कर रहे हैं। इन दिनों साइंटिफिक और इंजीनियरिंग समुदाय में यह चर्चा जोरों पर है, कि क्या नैनो तकनीक विश्व की भाग्य विधाता होगी। ऐसा होना संभव है, क्योंकि बड़ी से बड़ी चीजों को समेटकर एक छोटी एवं शक्तिशाली तकनीकि की डिवाइस विज्ञान के हर प्रयोग और आविष्कार के असंभव को सम्भव बना रही है। आप कल्पना कर सकते हैं, कि नैनो तकनीक से हमारे शरीर के भीतर ब्लड शैल में कोई भी छोटी चिप ट्रान्सफर की जा सकती है, जो कैंसर जैसी बीमारियों से निपटने में कारगर है।
नैनो टेक्नोलॉजी की कुछ रोचक क्षेत्रों में आविष्कार: -
1. सुचना तकनीक सम्बन्धी क्षेत्र में 2. मेडिकल एवं स्वस्थ सम्बन्धी क्षेत्र में 3. नैनो इंजीनियरिंग डिवाइस बनाने सम्बन्धी क्षेत्र में 4. अन्तरिक्ष के रिसर्च सम्बन्धी क्षेत्र में 5. वायुयान के निर्माण में 6. कंप्यूटर बनाने सम्बन्धी चिप में 7. बायो मेडिकल इंजीनियरिंग में 8. कैंसर उपचार में 9. पर्यावरण और उर्जा के storage and Production में 10. नाभिकीय एवं मिलेट्री हथियार बनाने में 11. Renewable(सौर) उर्जा के समस्त रूपों में
वर्तमान में किसी भी देश द्वारा विज्ञान की चुनौतियों को मात देते हुए इसके क्षेत्र में किया गया सफलतापूर्वक परीक्षण एवं आविष्कार, उस देश को विश्व के शक्तिशाली देशों की श्रेणी में ला खड़ा करता है। यह बहुत दुःख की बात है, कि हमारे देश भारत के हालात विज्ञान के रिसर्च और विकास क्षेत्र में बहुत ही दयनीय और पिछड़े हुए हैं। तमाम संसाधनों की कमी के चलते हम अन्य विकसित देशों की तुलना में लगभग 8-10 साल पीछे हैं। हम सभी को इस विकास की कड़ी को आगे बढ़ाने के लिए आगे आना ही पड़ेगा। ध्यान देने योग्य है, कि उस देश का ही उत्थान एवं विकास सुनिश्चित होता है, जो अपने जन के जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं के समस्त संसाधनों की कमी को पूरा करने में खुद सक्षम हो और अपनी संस्कृति एवं संस्कार की रक्षा करने को पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हो।
रचनाकार: श्री योगेश सिंह
प्रोजेक्ट वैज्ञानिक,
राष्ट्रीय वांतरिक्ष प्रयोगशाला -CSIR
बैंगलोर, भारत
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bahut achcha jankari diye ho aap
ReplyDeleteधन्यवाद .... आभार !!
Deleteधन्यवाद सुमित जी ..मेरा उद्देश्य पुरा हुआ लोगो के बीच इस जानकारी को ब्लाग्स्ते के माध्यम से रखकर.. शिवरात्री कि हार्दिक शुभकामनाएं आप सभी को .....हर हर महादेव .. प्राणियो में सद्भावना हो ....विश्व का कल्याण हो !!
ReplyDeletegood yogi....
ReplyDeleteधन्यवाद Kushal Sir .... आभार !!
DeleteWell written yogiji. Clg student must read this. Emerging technology
ReplyDeleteधन्यवाद Vikas .... आभार !!
Deleteआज की ब्लॉग बुलेटिन गर्मी आ गई... ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteधन्यवाद .... आभार !!
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