सादर ब्लॉगस्ते पर आपका स्वागत है

एंटी रोड रेज एंथम: गुस्सा छोड़

Friday, October 11, 2013

वो प्यार रीत गया क्यूँ !! ........( अन्नपूर्णा बाजपेई )

कल तक कितने करीब थे हम ,
आज क्यूँ अजनबी से हो गए हम । 
वो प्यार वो स्नेह सब रीत गया क्यूँ ,
आलोकित चाँदनी छिप गई क्यूँ ।
वो चंद लम्हे जो आज भी याद मुझे ,
पर तुममे वो सब रीत गया क्यूँ ।
आँख आज भी भर आती है, 
दो बूंद से टपक जाते है क्यूँ ।
वो नन्हें फूल बहुत याद आते मुझे ,
जिनको पहली बार सँजोया मैंने ,
सहलाया दुलराया और संवारा मैंने ,
आज वह स्रोत सूख गया क्यूँ । 
रिक्त सागर हो गया क्यूँ ,
कल तक कितने ..............

Newer Post Older Post Home