प्रसव वेदना का दर्द
                                            
                                            
                                              झेल चुकी माँ 
                                            
                                            
                                              खुशियों के संग पाती 
                                            
                                            
                                              नन्हें शिशु को । 
                                            
                                            
                                              होठों से शीश चूमती 
                                            
                                            
                                              तभी कल्पनाएँ भी 
                                            
                                            
                                              जन्म लेने लगती 
                                            
                                            
                                              उसके बड़े हो जाने की । 
                                            
                                            
                                              नजर न लगे 
                                            
                                            
                                              अपनी आँखों का काजल 
                                            
                                            
                                              अंगुली से निकाल 
                                            
                                            
                                              लगा देती है टीका 
                                            
                                            
                                              बीमारियों के टीके के साथ ।
                                            
                                            
                                            
                                              बलात्कार की ख़बरें सुनकर 
                                            
                                            
                                              बहुत दुःख होता है  
                                            
                                            
                                              बलात्कारियों की हैवानियत 
                                            
                                            
                                              मिटाना और कड़ी सजा मिलना जरुरी 
                                            
                                            
                                              क्योंकि  
                                            
                                            
                                              कई माएँ स्नेहमयी /ममतामयी निगाहों से 
                                            
                                            
                                              आज भी खोज रही अपनी बच्चियों को । 
                                            
                                            
                                              किंतु वे बच्चियाँ माँ के दूध का कर्ज 
                                            
                                            
                                              कैसे चुकाएंगी ?
                                            
                                            
                                              जिन दरिंदों की वजह से 
                                            
                                            
                                              आज वे इस दुनिया में नहीं है । 
                                            
                                            
                                              रचनाकार: श्री संजय वर्मा "दृष्टि "
                                            
                                            
                                            
                                              संपर्क: १ २ ५, शहीद भगत सिंग मार्ग 
                                            
                                            
                                              मनावर जिला -धार( म. प्र. )